
बस्तर: “मैं देख नहीं सकती, पर जब नल से पानी गिरने की आवाज सुनती हूं तो मन को बड़ा सुकून मिलता है…”
रायपुर. “मैं देख नहीं सकती... पर जब नल से पानी गिरने की आवाज सुनती हूं तो मन को बड़ा सुकून मिलता है। ऐसा लगता है जैसे कोई सपना सच हो गया हो।“ जिला मुख्यालय नारायणपुर से 40 किलोमीटर दूर ग्राम कदेर की नेत्रहीन कोसी बाई जल जीवन मिशन से घर में नल से जल पहुंचने पर अपनी भावनाएं इन शब्दों में व्यक्त कर रही है। उनके पति मुरा राम नुरूटी जो एक पैर से दिव्यांग है, घर पर नल लगने से बेहद खुश है। वह भावुक होकर कहते हैं – “मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि कभी ऐसा दिन आएगा जब अपने ही घर में नल से जल मिलेगा। अब झरिया से पानी लाने की तकलीफ नहीं उठानी पड़ती। खुद के घर में नल से बर्तन में गिरते पानी को देखकर दिल खुश हो जाता है।“
बस्तर अंचल के सुदूर कदेर गांव के कोसी बाई और मुरा राम की यह कहानी बताती है कि जल जीवन मिशन कैसे लोगों का जीवन बदल रहा है। हर घर के आंगन तक पहुंच रही पानी की धार ने रोज की एक बड़ी चिंता...