छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री विष्णुदेव का छात्र जीवन संघर्षों से भरा रहा। पिता राम प्रसाद साय के निधन के बाद संघर्षों, चुनौतियों से लड़ते हुए वे आगे बढ़े। परिवार जिम्मेदारी के कारण उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ खेती का काम संभाला। पहली बार पंच और निर्विरोध सरपंच बने तो दिलीप सिंह जूदेव ने उनका हाथ थामा। साय को जूदेव छोटा भाई मानते थे। 26 की उम्र में वे पहली बार विधायक चुने गए।
राजनैतिक जीवन
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जनसंघ की विरासत अपने दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय से मिली. उनके दादा स्वतंत्रता के के बाद सन् 1947 से 1952 तक तत्कालीन सीपी एंड बरार विधानसभा में मनोनीत विधायक भी रहे. विष्णुदेव साय का परिवार शुरू से ही जनसंघ से जुड़ा रहा. उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय वर्ष 1977-79 तक जनता पार्टी सरकार में संचार राज्य मंत्री रहे।
व्यक्तिगत जीवन
जिला मुख्यालय जशपुर से 57 किलोमीटर दूर छोटे से आदिवासी बहुल गांव बगिया के निवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय किसान परिवार से आते हैं. बगिया की प्राथमिक शाला में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने कुनकुरी के लोयोला मिशनरी स्कूल में एडमिशन लिया. कॉलेज की पढ़ाई के लिए वह अंबिकापुर गए. जब वह प्रथम वर्ष में थे, तभी उनके पिता रामप्रसाद साय का निधन हो गया.
मां जसमनी देवी और दो छोटे भाई ओम प्रकाश साय, विनोद साय के साथ परिवार के समक्ष परेशानियां खड़ी हो गई थी। घर परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए वह पढ़ाई छोड़कर गांव वापस आ गए. बगिया में मैनी नदी के तट पर साय परिवार का आवास है. विष्णु देव साय मंत्री, सांसद, विधायक रहे लेकिन अपने पैतृक गांव को कभी नहीं छोड़ा.
विज्ञान संकाय के छात्र थे और पढ़ाई मे हमेशा अव्वल रहते थे। उनके साथ के सहपाठियों ने बताया था कि विष्णुदेव साय बेहद गंभीर और पढ़ाई के प्रति सजग रहने वाले आदर्श विद्यार्थी के रूप में खुद को स्थापित कर चुके थे।
खेती-बाड़ी में रुचि रखते हैं सीएम विष्णुदेव साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खेती किसानी में बहुत रुचि रखते हैं. नदी के तट पर अपने घर में वह सब्जियां उगाते हैं. कोरोना काल में वह गांव में सब्जी उगाते रहे और अन्य किसानों को भी प्रेरित करते रहे. उन्होंने मैनी नदी पर पुल बनवाया. नदी की रेत में खीरा, ककड़ी, मूंगफली आदि की खेती के लिए गांव के किसानों को प्रेरित किया. उनके प्रयासों से गांव में कृषि के क्षेत्र में उन्नति हुई है.
सीएम साय को है जंगली जड़ी-बूटियों का अच्छा ज्ञान
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जंगली जड़ी-बूटियों के अच्छे जानकार हैं. वह पथरी की अचूक दवा देते हैं. उनके कई लाभार्थी उनकी दवा की प्रशंसा करते हैं. साय ने जनजाति समाज के विकास के लिए काम किया. कंवरधाम के विकास का श्रेय उन्हें दिया जाता है. जनजाति समाज के आयोजनों में उनकी धर्मपत्नी कौशल्या अग्रणी भूमिका में रहती हैं.
साय की दो पुत्रियों में से बड़ी बेटी निवृत्ति की शादी धमतरी में हुई है. दूसरी पुत्री स्मृति अभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. उनके पुत्र तोशेंद्र ने पत्रकारिता व लिट्रेचर की पढ़ाई की है और वर्तमान में रायपुर में फिटनेस इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं.
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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