बलौदाबाजार. हर साल की तरह इस साल भी सिंधी समाज बलौदाबाजार के तत्वाधान में वरुण देव अवतार भगवान झूलेलाल जन्मोत्सव “चेट्री-चंड्र” के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
7 दिनों से प्रभात फेरी का समापन पश्चात सुबह भव्य मोटरसाइकल रैली आयोलाल-झूलेलाल के जयघोष से निकली ततपश्चात नगर के सिंधी कालोनी स्थित कंवररामधाम में हुए भव्य कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सिंधी समुदाय के अलावा अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए। सुबह पूरे विधि-विधान से अखंड पाठ की समाप्ति की गई। इसके बाद भजन कीर्तन किया गया।
भजन कीर्तन के बाद भंडारे का कार्यक्रम रखा गया जिसमें सभी समुदाय के लोगों के द्वारा प्रसादी के रूप में ग्रहण किया गया l शाम को सिंधी समाज द्वारा आयोलाल-झूलेलाल के जयकारे लगाते हुए ऐतिहासिक शोभायात्रा निकाली गई। भगवान झूलेलाल का विशेष श्रृंगार किया गया और भोग लगाया गया। कार्यक्रम में खास तौर से सजावट की गई। आगे-पीछे कई वाहनों पर भगवान झूलेलाल स्थापित किया गया। इस दौरान प्रसाद और सिंधी पेय थादल भी बांटा गयाl जगह-जगह नगर व अंचल के श्रद्धालुओं ने भगवान झूलेलाल के दर्शन किए।
सिंधी समाज के वरिष्ठजनों ने बताया कि इस दिन सभी सिंधी समाज के लोग अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर चेट्री-चंड्र का त्योहार हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाते है। चेट्री-चंड्र का पर्व सिंधी समुदाय का एक प्रमुख त्यौहार है। सिंधी समाज के लोग इस मौके पर अपने आराध्य देवता वरुण देव अवतार भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव को बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान झूलेलाल जल के देवता वरुण हैं। इस मौके पर सिंधी समाज के लोग जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव और संपन्नता की कामना के लिए वरुण देवता की पूजा करते हैं।
उन्होंने बताया कि उपासक भगवान झूलेलाल को उदेरोलाल, घोड़ेवारो, जिन्दपीर, लालसाँई, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल आदि नामों से भी पूजते हैं. भगवान झूलेलाल को जल और ज्योति का अवतार माना गया है। इसलिए लकड़ी का मंदिर बनाकर उसमें एक लोटे से जल और ज्योति प्रज्वलित की जाती है और इस मंदिर को श्रद्धालु चेट्री-चंड्र के दिन अपने सिर पर उठाते हैं, जिसे बाहराणा साहब भी कहा जाता है। इसको लेकर श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ पवित्र नदी में विसर्जित करते है।
नगर भ्रमण पश्चात गुरुवार की शाम को नगर के रामसागर तालाब के घाट पर चल समारोह के रूप में श्रद्धालुओं के द्वारा आरती की और ज्योति का विसर्जन कर पल्लव साहब पढ़ा गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से अशोककुमार माधवदास पंजवानी, अशोककुमार मेघराजमल पंजवानी, विष्णु दुलानी, ओम देवनानी, इंदु पंजवानी, दिलीप रोहरा, गोपालदास हबलानी, चंद्रपाल परसवानी, राजेश देवनानी, राजेश रोहरा, नरेश गनशानी, शंकर दुलानी,राकेश दुलानी, राजेश हेमनानी, संजय रोहरा, किशन पंजवानी, वीरू रोहरा, अनिल आरतानी, कमलेश पुरुषवानी, सुनील आरतानी, राजेश नागदेव, काली पंजवानी, दीपेश पंजवानी, विशाल नागवानी आदि सैकड़ों की संख्या में सिंधी समाज के लोग मौजूद थे l
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- नरेश गनशानी छत्तीसगढ़ के बलोदा बाजार से विख्यात पत्रकार है, ये गोंडवाना एक्सप्रेस पर बलोदा बाजार-भाटापारा जिले की क्राइम, इंडस्ट्री, संस्कृति आदि की खबरे प्रकाशित करते है।
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