मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे महापुरूषों ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का काम किया है। यही हमारा, पूरे हिन्दुस्तान का रास्ता है। यही रास्ता हमें शांति की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘राम-काज किन्हें बिना, मोहे कहां विश्राम‘ की भावना के साथ हमें समाज को जोड़ने का कार्य करना है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रामनवमी के अवसर पर महानदी, शिवनाथ और जोंक नदियों के संगम पर स्थित छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवरीनारायण में राम वनगमन पर्यटन परिपथ के तहत कराए गए प्रथम चरण के जीर्णोंद्धार एवं सौन्दर्यीकरण तथा विकास कार्यों का लोकार्पण करने के बाद तीन दिवसीय भव्य समारोह के समापन के अवसर पर आम जनता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिवरीनारायण भगवान राम, प्रभु जगन्नाथ और माता शबरी की नगरी है। उन्होंने प्रदेशवासियों को रामनवमी की बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिवरीनारायण में एसडीएम कार्यालय खोलने, खरौद के लक्ष्मणेश्वर मंदिर और शबरी मंदिर को विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने शिवरीनारायण में 238 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का लोकर्पण और भूमिपूजन किया। इनमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन के कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रेता युग में भगवान राम ने भारत को जोड़ने का काम किया अयोध्या से लेकर श्रीलंका तक, द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा से लेकर द्वारिका तक, शंकराचार्य जी ने दक्षिण से लेकर उत्तर तक, स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत को जोड़ने का काम किया है। जितने भी हमारे महापुरुष हुए उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया है विभिन्न वर्गों को एक सूत्र में बांधने का काम किया।
उन्होंने कहा कि लेकिन आज भगवान राम को युद्धक राम और भगवान हनुमान को क्रोधित हनुमान के रूप में दिखाया जा रहा है, क्या हमारे भगवान ऐसे थे। मुख्यमंत्री ने रामायण मंडलियों के साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप भी भगवान राम के रास्ते पर चलिए समाज को जोड़ने का काम करें, तोड़ने का नहीं। सभी को जोड़ने का काम हमारी मूल संस्कृति है, आज इसी दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे विकास की अवधारणा के केन्द्र में व्यक्ति का विकास है। उन्होंने कहा कि सभी को पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार और समानता के अवसर दिलाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से हमारे अन्नदाता किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिल रहा है। 66 लाख परिवारों को 35 किलो चावल दिया जा रहा है। 40 लाख परिवारों को हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिल रहा है। 13 लाख से अधिक वनवासियों को लघु वनोपज खरीदी और तेन्दूपत्ता संग्रहण का लाभ मिल रहा है। दो लाख से अधिक लोग गोबर बेचकर आय अर्जित कर रहे हैं। साढ़े तीन लाख भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालना 7000 रूपए की आर्थिक मदद देने के लिए योजना प्रारंभ की गई है। पिछले तीन वर्षों से राज्य सरकार ने 91 हजार करोड़ रूपए की राशि सीधे किसानों, आदिवासियों, महिलाओं, मजदूरों की जेब में डालने का काम किया है। यही गांधी जी का राम राज्य है। जिसमें सभी सुखी हो, समृद्ध हो, सभी में समानता और भाईचारे की भावना हो। मुख्यमंत्री ने लोगों से आव्हान किया है कि वे शासन की योजनाओं को अपनी योजना समझे और इसमें भागीदार बने, तभी योजनाएं सफल होंगी।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ संभवतः पहला राज्य है जहां शासन के सहयोग से रामायण मंडलियों की मानस गान प्रतियोगिता का आयोजन निःस्वार्थ भाव से किया गया। रामचरित्र मानस का पाठ छत्तीसगढ़ की संस्कृति है। उन्होंने कहा कि शिवरीनारायण प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़ का धार्मिक, आध्यात्मिक और व्यापारिक केंद्र रहा है। छत्तीसगढ़ में नवरात्रि का विशेष महत्व है गांव-गांव में शीतला माता की पूजा होती है घर-घर में जवारा बोया जाता है, ज्योत प्रज्वलित की जाती है, देवियों की आराधना की जाती है, लोग उपवास करते हैं और भगवान राम के अवतरण के दिन रामनवमी को कन्या भोजन कराया जाता है। मुख्यमंत्री ने गोस्वामी तुलसीदास जी को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने जनमानस की भाषा में रामचरितमानस की रचना की। उन्होंने कहा कि राम और रामायण को घर-घर तक, जन-जन तक पहुंचाने का काम गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ केवल नक्सलियों के नाम से खनिजों की खदानों के नाम से ही नहीं जाना जाता है। छत्तीसगढ़ की बहुत उच्च परंपरा रही है। चाहे त्रेता युग हो या द्वापर युग हो, चाहे बौद्ध काल रहा हो, हमारी हर युग में उपस्थिति रही है। भगवान राम को छत्तीसगढ़ प्रिय था, क्योंकि यहां के लोग निश्चल, सरल और ईमानदार हैं। भगवान राम को जब अयोध्या छोड़कर निकलना पड़ा तो, उन्होंने सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ में बिताया, क्योंकि यहां के लोग उन्हें प्रिय थे। उन्होंने सबसे पहले कंेवट के साथ मित्रता की आदिवासियों से मित्रता की, शबरी माता के जूठे बेर खाए। उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया।
उन्होंने आगे कहा कि दिसंबर के बाद हमारे छत्तीसगढ़ में रामायण मंडली का कार्यक्रम गांव-गांव होता है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के कारण आयोजन नहीं हो पाए। लेकिन आज इस आयोजन की अभूतपूर्व सफलता के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूँ। आज 65 सौ से अधिक मानस मंडली, जनपद में 140 मानस मंडलियां समेत 26 जिलों में तीन दिन तक इनका कार्यक्रम चला। हमारी ज्यूरी ने बड़ी मेहनत से इन्हें चुना। उन्होंने प्रथम स्थान जांजगीर-चांपा मानस मंडली को 5 लाख रुपए, द्वितीय स्थान कोरिया जिला मानस मंडली को 3 लाख रुपए, तृतीय स्थान बीजापुर मानस मंडली को तृतीय 2 लाख रुपए पुरुस्कार राशि और रामचरितमानस की प्रति भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राम वनगमन पर्यटन परिपथ में शामिल अन्य स्थानों को शिवरीनारायण जैसा ही केंद्र बनाएंगे और हम अपने वैभव को ऊंचाई तक लेकर जाएंगे. श्री बघेल ने कहा कि हम शिवरीनारायण को केंद्र मानकर मल्हार, चंद्रहासिनी तथा गिरौधपुरी जा सकते हैं और यह स्थान अन्य को जोड़ने का काम करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ. रामसुंदर दास ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शिवरीनारायण मंदिर परिसर के जीर्णोंद्धार, उन्नयन एवं सौन्दर्यीकरण कार्य, रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर एवं पर्यटक सूचना केन्द्र, नदी घाट का विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्य, बाबा घाट पर माता शबरी की प्रतिमा, व्यूव प्वाइंट, शिवरीनारायण के अम्बेडकर चौक में संविधान निर्माता भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा का लोकर्पण किया। शिवरीनारायण में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए 39 करोड़ रूपए की कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रथम चरण में 6 करोड़ रूपए की लागत से कराए गए कार्य पूर्ण हो चुके है, जिनका आज लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती इंदू बंजारे, श्री चंद्रदेव राय, श्री रामकुमार यादव, शाकंभरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल, नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अंजनी तिवारी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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