छत्तीसगढ़ में विकसित किए जा रहे राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का लोकार्पण किया। रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर में रामायण कालीन घटनाओं और वनवास काल के दौरान श्री राम के द्वारा पैदल तय किए गए स्थानों के बारे में पेंटिंग्स के जरिए चित्रित जानकारी उपलब्ध कराई गई है| इन पेंटिंग्स के जरिए आने वाली भावी पीढ़ी को रामायण कालीन घटनाओं की जानकारी मिल सकेगी तथा लोग शिवरीनारायण की ऐतिहासिकता को भी अच्छी तरह से समझ सकेंगे |
90 लाख रुपए की लागत से निर्मित रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का कुल क्षेत्रफल 6000 स्क्वायर फीट है | इसे 40 बाई 50 फीट के दो हॉल में बांटा गया है| एक हॉल में रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित है| रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही इसी भवन में एक 40 बाई 50 स्क्वायर फीट का कैफिटेरिया बनाया गया है ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां पर बेहतर गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध हो सके|
रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर और पर्यटन सूचना केंद्र से छत्तीसगढ़ में किसी भी पर्यटन स्थल पर घूमने के लिए पर्यटक अपनी बुकिंग करा सकते हैं तथा छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं |
रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के बाहर ही माता शबरी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है, जिसमें वह भगवान राम को अपने जूठे बेर खिलाती हुई नजर आ रही हैं | भगवान राम के साथ उनके भाई लक्ष्मण की भी मूर्ति स्थापित की गई है| राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत शिवरीनारायण में स्थापित रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा तथा इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ में राम वन गमन परिपथ को भी बढ़ावा मिलेगा|
इस अवसर पर राज्य के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया, राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ रामसुंदर दास, जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री गुहाराम अजगले,
समेत अन्य विशिष्ट अतिथि भी मौजूद थे।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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