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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023: 21 जून को ही क्यों मनाते हैं योग दिवस? 180 से ज्यादा देशों के लोग लेंगे हिस्सा, पीएम मोदी करेंगे नेतृत्व

21/06/2023 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, India    

भारत को योग गुरु कहा जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। योग का  अभ्यास शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 21 जून को आयोजित योग दिवस समारोह में 180 से अधिक देशों के लोग हिस्सा लेंगे और इसमें राजनयिकों, कलाकारों, शिक्षाविदों और उद्यमियों सहित अन्य शामिल होंगे। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

कब मनाया गया पहला योग दिवस?

संयुक्त राष्ट्र ने साल 2015 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी, तब प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यकाल था। इस घोषणा को सरकार ने अपनी विदेश में सफलता और भारत के बढ़ते वैश्विक कद के रूप में प्रचारित किया।

कोरोना काल के बाद योग का महत्व अधिक बढ़ गया। संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से लोग योग अभ्यास करने लगे। लेकिन इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 से हो गई थी। इस वर्ष ही पहली बार पूरे विश्व में योग दिवस मनाया गया था।

21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस?

योग दिवस को मनाने के लिए एक दिन सुनिश्चित किया गया, जो कि 21 जून है। 21 जून को योग दिवस के तौर पर मनाने की वजह भी है। इस तारीख  को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए असरदार है। इस कारण प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम

योग दिवस 2023 की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ (Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam) है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम से तात्पर्य धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
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