स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन-फ्लू सहित मौसमी बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम के लिए लोगों को सजग रहने और पर्याप्त सावधानी बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहकर अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बिलासपुर जिले में स्वाइन-फ्लू से संबंधित जानकारी और सुझाव के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए हैं। ये नम्बर दिन-रात चालू रहेंगे। स्वाइन-फ्लू के लक्षण की जरा भी आशंका होने पर इन नम्बरों पर संपर्क कर त्वरित सहायता प्राप्त की जा सकती है।
बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने सभी स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारियों को स्वाइन-फ्लू को लेकर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि स्वाइन-फ्लू के जरा भी लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर इसकी जांच और उपचार करवाएं। यह स्वाइन-फ्लू सहित मौसमी बीमारियों के संक्रमण का अनुकूल मौसम है। स्वाइन-फ्लू का वायरस तेजी से हवा में फैलता है। किसी भी तरह की सहायता के लिए सिम्स (CIMS) के हेल्पलाइन नम्बर 75874-85907, जिला अस्पताल में 07752-480251, अपोलो अस्पताल में 97555-50834 और स्वास्थ्य विभाग के टोल-फ्री नम्बर 104 पर संपर्क किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि स्वाइन-फ्लू के लक्षण आम सर्दी-खांसी और बुखार के लक्षणों जैसे होते हैं। स्वाइन-फ्लू का वायरस मनुष्य के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। ये फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। फेफड़े धीर-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। उन्होंने सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि सर्दी-खांसी के मरीजों से बात करते समय मुंह में रूमाल रखें या मास्क का प्रयोग करें। साथ ही बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें। जोखिम वाले और सर्दी-खांसी के लक्षणों वाले लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें। खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या कोहनी से ढंके। पौष्टिक आहार लें, पर्याप्त आराम करें और तनाव कम रखें। स्वच्छता बनाए रखें, नियमित रूप से सतहों और वस्तुओं को साफ करें। यदि आपको लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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