विशेष लेख : कौशल्या के राम से है छत्तीसगढ़ का गहरा नाता : आज भी लोग भांजे में देखते हैं प्रभु राम की छवि
छत्तीसगढ़ की अस्मिता के प्रतीक माता कौशल्या के पुत्र भगवान श्री राम का भांजा के स्वरूप में गहरा नाता हैै। इसका जीता-जागता उदाहरण है, छत्तीसगढ़ में सभी जाति समुदाय के लोग बहन के पुत्र को भगवान के प्रतिरूप अर्थात भांजा मानकर उनका चरण पखारते हैं। मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रभु श्रीराम से कामना करते हैं। यह और भी प्रबल तब होता है, जब गांव-शहर-कस्बा कहीं भी हो कोई भी जाति अथवा समुदाय के हो मांमा-भांजा के बीच के रिश्ते को पूरी आत्मीयता के साथ निभाया जाता है। मांमा के साथ किसी भांजे का यह रिश्ता कई बार माता-पिता के लिए पुत्र से भी ज्यादा घनिष्ठ स्वरूप में दिखाई पड़ता है।
त्रेतायुग में जब छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम कोसल व दण्डकारण्य के नाम से विख्यात था, तब कोसल नरेश भानुमंत थे। वाल्मिकी रामायण के अनुसार अयोध्यापति युवराज दशरथ के राज्याभिषेक के अवसर पर कोसल नरेश भानुमंत को भी अयोध्या आमंत्रित किया ग...