दिनांक : 24-Nov-2024 07:04 PM
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मुख्यमंत्री के निर्देश पर किसानों को सुगमता से मिल रहा है खाद-बीज : अब तक 7.72 लाख टन खाद और 6.69 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण किया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 7.72 लाख टन खाद और 6.69 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में मानसून की बौछारों के साथ शुरू हुए खेती-किसानी में बोनी का रकबा भी निरंतर बढ़ते जा रहा है। राज्य में अब तक 13.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 01 जुलाई 2024 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 153 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो इसी अवधि की दस वर्षाें की औसत वर्षा 182.3 मिमी से 29.3 मिमी कम है। गत वर्ष इसी अवधि में 169.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1236 मिमी है।

अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2024 के लिए प्रदेश में 9.78 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 8.07 लाख क्विटल बीज का भंडारण कर अब तक 6.69 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो मांग का 68 प्रतिशत है।

इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 13.68 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 12.12 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 7.72 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 56 प्रतिशत है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपनी सरकार के 06 माह पूर्ण होने के बाद कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के किसानों को सुगमता से उनकी मांग के अनुरूप खाद-बीज सुगमता से उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण कर सतत निगरानी करने को कहा है।