वनांचल के बसाहट में रहने वाली पहाड़ी कोरवा दशरी बाई हो या फिर कोरबा जिले से लगभग 120 किलोमीटर दूर अन्तिम छोर के गाँव डोकरमना की कामता बाई…इन सभी को याद है कि आज से एक साल पहले ऐसी कई दीवाली सहित त्यौहार आई..लेकिन इन त्योहारों की खुशियों में अक्सर गरीबी का ग्रहण ऐसा लग जाता था कि वे चाहकर भी खुशियों के मौके पर खुश नहीं हो पाती थीं।
हाथों में पैसा नहीं होने से वे न तो अपनी पसंद की जरूरी सामग्री खरीद पाती थी और न ही घर पर कोई पसन्द का व्यंजन बना पाती थीं। अब जबकि महतारी वंदन योजना से खाते में हर महीने एक-एक हजार रुपए जमा हो रहे हैं तो इन गरीब महिलाओं को त्यौहार जैसे खास अवसरों में मुस्कुराने के साथ ही खुद का और रिश्तेदारों के मुंह मीठा करने का मौका मिल गया है।
महतारी वंदन योजना में नाम जुड़ने के पश्चात हर महीने एक-एक हजार रुपए अपने खाते में प्राप्त करने वाली पहाड़ी कोरवा दशरी बाई की जिंदगी बहुत ही चुनौतियों तथा संघर्ष के बीच घिरी हुई है। घने जंगल में बसाहट में रहने वाली दशरी बाई के पास आमदनी का कोई साधन नहीं है। वह कुछ खास सीजन में कुछ रुपये वनोपज संग्रहण से जोड़ पाती है, इस बीच जिंदगी बहुत ही मुफलिसी से कटती है।
उसके लिए घर का जरूरी सामान व राशन के इंतेजाम से और कुछ होता ही नहीं है। वह बताती है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक-एक हजार रुपए जो खाते में भेजा है वह उनके लिए बहुत ही काम आती है। राशन से जुड़े सामान खरीदने के साथ ही अपनी जरूरतों के सामग्री खरीद लेती है। उन्होंने बताया कि पति पण्डाराम को कभी-कभी काम मिलता है तो करते हैं। दशरी बाई ने बताया कि आने वाले दिनों में त्यौहार है। महतारी वंदन योजना से मिली राशि उसके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी, क्योंकि इससे पहले कई त्यौहार खाली हाथ बीता है। इस बार इस राशि से कुछ न कुछ व्यंजन घर पर जरूर बनाएगी।
कोरबा ब्लॉक के अन्तिम छोर के ग्राम डोकरमना की कामता बाई को भी हर महीने एक हजार मिलता है। उन्होंने बताया कि गाँव में मजदूरी मिलना आसान नहीं है। एक हजार रुपये गाँव की महिलाओं के लिए एक बड़ी राशि होती है। यह राशि मेरे खाते में आ गई है और इस पैसे का सदुपयोग इस त्यौहार में होगा। पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत अन्तिम छोर के ग्राम पतुरियाडाँड़ की पिंकी पैकरा, रामबाई बताती है कि हर महीने उनके खाते में पैसा आ जाता है। उनके लिए महतारी वंदन की राशि उनके संघर्षमय जीवन को राहत पहुचाने वाला जैसा है।
वृद्धा रामबाई ने बताया कि खाते में पैसा आने का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे अनेक उम्मीदें भी सजने लगी है और इस बात की चिंता नहीं रहती कि त्यौहार जैसे मौके में कुछ पैसे के लिए किसी के आगे हाथ फैलाएं या उधार लें। उन्होंने बताया कि इस बार त्योहार सहित अन्य खास मौके में हाथ में पैसा रहने से अपने या किसी अन्य के लिए कुछ खरीद कर खुशियों को दुगनी कर सकते हैं। हमारे खुशियों को दुगनी करने वाले छत्तीसगढ़ सरकार को हम बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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