प्रदेश में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और रूम टु रीड के संयुक्त तत्वाधान में में ‘पठन अभियान’ के तहत 2 मोबाइल लाइब्रेरी वेन का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत एससीईआरटी के संचालक श्री राजेन्द्र कुमार कटारा द्वारा की गई। इस दौरान अपर संचालक श्री जे. पी. रथ और रूम टू रीड के राज्य प्रमुख श्री यशवर्धन उनियाल, एससीईआरटी के अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इस मोबाइल लाइब्रेरी का उद्देश्य बच्चों और समुदायों के बीच पठन कौशल को बढ़ावा देना है। लाइब्रेरी वेन 10 दिनों तक महासमुंद जिले के बागबहरा विकासखंड अंतर्गत 30 स्कूलों तथा संकुलों में बच्चों और समुदाय सदस्यों के समक्ष विभिन्न पठन गतिविधियों का आयोजन करेगी। इन गतिविधियों के माध्यम से स्कूली बच्चों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित किया जाएगा और उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत लक्षित समुदाय सदस्यों को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस अभियान में पठन कौशल बुनियादी साक्षरता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी उद्देश्य से एससीईआरटी और रूम टु रीड ने इस वर्ष भी ‘पठन अभियान’ के तहत बच्चों में पढ़ने की आदतों को विकसित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया है। पठन अभियान के दौरान स्कूलों और समुदायों में विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम का हिस्सा बन सकें। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में 6 सप्ताह की योजना बनाई गई है, जिसमें पठन, लेखन, चित्रकला और सामुदायिक सहभागिता जैसी रोचक सीखने की गतिविधियाँ शामिल हैं। मोबाइल लाइब्रेरी वेन बच्चों को किताबों और पढ़ने की सामग्री उपलब्ध कराएगी और उन्हें पठन के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन करेगी।
इस अभियान के माध्यम से बुनियादी साक्षरता को बढ़ावा देने और पठन कौशल को बच्चों में मजबूती से स्थापित करने की उम्मीद की जा रही है। पठन अभियान के दौरान विविध गतिविधियों के माध्यम से स्कूल तथा समुदायों में लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ पठन के प्रति जागरूकता पैदा करना भी इसका लक्ष्य होगा।
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- "जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।
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