युवक युवती कला, विज्ञान, तकनीकी, मीडिया आदि क्षेत्र में अपना अलग ही रुतबा कायम कर रहे है. आदिवासी समाज के जनकल्याण और प्रचार प्रसार करने हेतु “गोंडवाना एक्सप्रेस” न्यूज़ मीडिया वेबसाइट की स्थापना दिनांक 27 जुलाई 2018 को की गयी है.
प्रधान संपादक / स्वामी की कलम से
मुझे छत्तीसगढ़ की इस पावन भूमि पे कंडारा आदिवासी समाज में जन्म लेने, बड़े होने और इंजीनियरिंग पढ़ने का सुअवसर मिला इसके लिए मैं ईश्वर और अपने माता पिता की तहे-दिल से शुक्रगुजार हूँ। आदिवासी समाज भारत के महत्वपूर्ण समाजो में से एक है। प्राचीन काल से आदिवासी एवं गोंडवाना समाज आज भारत देश के छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में कई इलाको और वनो में आज भी बसा हुआ है।
आज आदिवासी समाज की भागीदार खेल कूद, प्रशासनिक सेवा, कॉर्पोरेट जगत एवं आदि संस्थानों में है, मीडिया जगत में पूर्ण रूप से आदिवासी समाज द्वारा संचालित एवं प्रसारित खबरे एवं उनकी समस्या, संस्कृति के प्रचार का आज भी आभाव है।
महान संतो और सिद्ध पुरषो ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के आदिवासी इलाको का मनमोहक सौंदर्य अपने साहित्यो एवं ग्रंथो में बार-बार लिखा है। छत्तीसगढ़ में खनिज, हीरा-पन्ना और धान की खेती खूब होती है. धान के कटोरे के नाम से भी जाना जाता है हमर छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ी, हल्बी और गोंडी यहाँ की प्रचलित भाषा है. आज छत्तीसगढ़ में बड़े बड़े इस्पात और ऊर्जा सयंत्र है और भारत में व्यपारीक राज्यों में सबसे प्रगति शील राज्य में से एक है.