मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज भंडारपुरी में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे सनातन धर्म में गुरु का बड़ा महत्व है। छत्तीसगढ़ की सरकार गुरु घासीदास के बताए ‘मनखे मनखे एक समान’ के मार्ग पर चल रही है। हम सभी धर्मों, जातियों और समाजों के विकास के लिए कृत संकल्पित हैं। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के ध्येय पर चलकर देश का विकास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के जरूरतमंद परिवारों के लिए 18 लाख आवासों की गारंटी दी थी। हमारी सरकार बनने के दूसरे ही दिन हमने कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी थी। प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में आठ लाख 46 हजार 991 आवासों की स्वीकृति दी है। जैसे-जैसे आवासों का निर्माण पूरा होता जा रहा है, वैसे-वैसे हितग्राहियों को आवासों की चाबी सौंपी जा रही है।
उन्होंने कहा कि हमने किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदकर मोदी जी की गारंटी को पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य के स्कूलों को संवार रहे हैं और उनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वातावरण का निर्माण कर रहे हैं। पीएम श्री योजना में प्रदेश के 341 स्कूलों का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ उन्नयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में 2 अक्टूबर को प्रारंभ हुई जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के छह हजार गाँवों तक पहुंचेगा।
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने भंडारपुरी धाम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु घासीदास बाबा के छठवें वंशज आज हमारे साथ यहां मौजूद है, यह हमारा सौभाग्य है। हम गुरु घासीदास के बताए रास्ते पर चलें और राज्य के विकास में सहभागी बने। हमारे मुख्यमंत्री ने केवल सौ दिनों में ही मोदी जी की अधिकांश गारंटियां पूरी कर दी हैं। डबल इंजन की सरकार दुगुने रफ़्तार से राज्य का विकास कर रही है।
विधायक श्री खुशवंत साहेब ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का साँय-साँय विकास हो रहा है। उन्होंने भण्डारपुरी धाम मेला के इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि राजा बालकदास जी के सम्मान में यहां मेला आयोजित होता है। यहां धर्म मंच से सतनाम के आदर्श और ज्ञान को बताया जाता है। गुरु बालदास जी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन ही गुरु बालकदास जी ने राजा की पदवी धारण की और भंडारपुरी को अपनी कर्मभूमि के रूप में स्थापित किया था। सतनामी समाज के सभी संघ-समिति-संस्था एक सूत्र में बंधे, पूरा समाज एकजुट हो और आगे बढ़े।