
छत्तीसगढ़ स्थापना के अवसर पर अम्बिकापुर के कला केंद्र में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव में रविवार को सुप्रसिद्ध लोकगायक श्री सुनील मानिकपुरी की मनमोहक प्रस्तुति ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
श्री मानिकपुरी ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत एक मधुर भक्ति गीत से की, जिसने पूरे वातावरण को भक्ति और उत्साह से भर दिया। उनकी सुरीली आवाज़ और संगीत की लय पर दर्शक झूम उठे। इसके बाद दर्शकों की लगातार फरमाइश पर उन्होंने अपना लोकप्रिय गीत “हमर पारा तुहर पारा” प्रस्तुत किया, जिस पर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।
लोकगायक सुनील मानिकपुरी की प्रस्तुति में छत्तीसगढ़ की मिट्टी की महक, लोकजीवन की सहजता और अपनापन झलकता रहा। राज्योत्सव की इस सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों को सम्मानित किया गया।
