रायपुर : पहाड़ी कोरवा ममता की जिंदगी में थी उलझनों की मोड़, कलेक्टर ने शिक्षा से दिया नाता जोड़
तब गांव आंछीमार के पहाड़ी कोरवा मंगल सिंह घर पर नहीं थे। उनकी बेटी ममता कोरवा शायद स्कूल जाने के लिए झटपट तैयार हो रही थी। अचानक से ममता तक खबर आई कि उनके घर के बाहर कोरबा के कलेक्टर आए हैं। वह अपनी जूती भी नहीं पहन पाई थी और सफेद मोजे पहने हुए स्कूल ड्रेस में भागती हुई बाहर आई। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि पहाड़ी कोरवाओं की इस छोटी सी बस्ती और तंग गली में कभी मोटर सायकल भी नहीं आता-जाता, उस गली से होकर उनके द्वार तक कलेक्टर की गाड़ी और स्वयं कलेक्टर आए हैं।
ममता की खुशी का ठिकाना नहीं था। कलेक्टर ने जब उनसे पूछा...कौन से क्लास में हो...नाम क्या है ? मैं कोरबा कलेक्टर पी दयानंद हूं...तो सबसे पहले ममता ने मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया और नाम बताते हुए कहा...तो सर आप ही कलेक्टर..है.! कलेक्टर से हाथ मिलाते ही उलझनों के मोड़ में उलझी ममता को कलेक्टर पी दयानंद से ऐसा ज्ञान और प्रोत्साहन मिला कि ...