दिनांक : 31-Jul-2025 03:18 AM
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Tribal Area News and Welfare

तकनीक से तालमेल ही सफलता की कुंजी : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उद्यमिता और नवाचार पर दिया जोर

तकनीक से तालमेल ही सफलता की कुंजी : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उद्यमिता और नवाचार पर दिया जोर

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
उद्यम के लिए बदलती हुई तकनीक से तालमेल बहुत जरूरी है। समय के साथ तकनीक में बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है। जो उद्यम तकनीक के साथ खुद को अपडेट नहीं करते, वे पीछे रह जाते हैं। आज नई तकनीक को अपनाकर ही सफलता के मानदंडों पर खरा उतरा जा सकता है। विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में भी टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में आयोजित आईआईटी भिलाई एंड छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री कान्क्लेव : विजन विकसित भारत 2047 में उद्यमियों, प्रोफेसर्स और आईआईटी भिलाई के छात्रों को संबोधित करते हुए यह बात कही। दंतेवाड़ा में रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए एमओयू सम्पन्न आईआईटी भिलाई एंड छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री कान्क्लेव में दंतेवाड़ा में रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए आईआईटी भिलाई और दंतेवाड़ा जिला प्रशासन के मध्य एमओयू भी संपादित किया गया। यह कॉन्क्लेव शिक्षा जगत के सहयोग से क...
‘पक्का मकान बन गया है?’-प्रधानमंत्री मोदी के सवाल पर मुस्कराए दल्लु राम बैगा, कहा-“हां, बन गया है”

‘पक्का मकान बन गया है?’-प्रधानमंत्री मोदी के सवाल पर मुस्कराए दल्लु राम बैगा, कहा-“हां, बन गया है”

Bilaspur, Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जब बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा एवं विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह के दौरान हितग्राहियों से संवाद किया, तो मंच पर एक विशेष क्षण आया – प्रधानमंत्री और दल्लु राम बैगा के बीच सरल, संक्षिप्त किन्तु सजीव, आत्मीय एवं सारगर्भित संवाद। प्रधानमंत्री ने मुस्कराकर पूछा – “पक्का मकान बन गया है?” दल्लु राम ने हाथ जोड़कर जवाब दिया – “हां, बन गया है।” प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिर स्नेहपूर्वक पूछा – “अच्छा लग रहा है की नहीं?” भावुक दल्लु राम ने जवाब दिया “अच्छा लग रहा है।” प्रधानमंत्री ने अंत में पूछा – “बाकी सब ठीक है?” दल्लु राम ने आत्मविश्वास के साथ कहा – “ठीक है।” यह संवाद कोई औपचारिक प्रश्नोत्तर नहीं था, बल्कि विश्वास, संवेदना और साझेदारी का साक्षात चित्रण था। छत्तीसगढ़ के तीन लाख गरीब परिवारों के लिए आज का दिन बेह...
बीजापुर के सुदूर वनांचल में सुशासन का सूर्योदय: तिमेनार में पहली बार पहुंची बिजली

बीजापुर के सुदूर वनांचल में सुशासन का सूर्योदय: तिमेनार में पहली बार पहुंची बिजली

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अति सुदूर गांव तिमेनार में मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजना के तहत आजादी के 77 वर्षों बाद पहली बार बिजली पहुंची। यह ऐतिहासिक उपलब्धि माओवादी आतंक के अंधकार : को चीरकर विकास, अमन और शांति के नए सबेरे की ओर कदम बढ़ाने का प्रतीक है। तिमेनार में अब भय की जगह उजाला और आतंक की जगह उम्मीद ने ले ली है। गांव के 53 घरों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है, जिससे पूरे गांव में हर्ष और उल्लास का माहौल है। विकास की रोशनी से दूर हो रहा भय और असुरक्षा भैरमगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत बेचापाल के आश्रित गांव तिमेनार के निवासियों ने पीढ़ियों तक बिजली की रोशनी नहीं देखी थी। अब, जब शासन-प्रशासन ने इन दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच बनाकर जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना शुरू किया है, तो ग्रामीणों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का सपना साकार हो रहा है। ग्रा...
नारायणपुर: अबूझमाड़ के विकास को गति देना हमारी प्राथमिकता – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

नारायणपुर: अबूझमाड़ के विकास को गति देना हमारी प्राथमिकता – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
नारायणपुर जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र अबूझमाड़ के 120 बच्चों ने आज विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा तथा वनमंत्री श्री केदार कश्यप से मुलाकात की। ये बच्चे ‘स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत राजधानी रायपुर के शैक्षणिक भ्रमण पर आए थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से संवाद किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार अबूझमाड़ के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अबूझमाड़ वर्षों तक विकास की धारा से वंचित रहा, लेकिन हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि यहां के हर गांव तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और संचार जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचे।  उन्होंने भ्रमण पर आए बच्चों से कहा कि आपका उज्ज्वल भविष्य ही हमारी प्राथमिकता है। अबूझमाड़ में तेजी से...
बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मिला समुचित मंच

बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मिला समुचित मंच

Chhattisgarh, India, Tribal Area News and Welfare
बस्तर जिले के जगदलपुर, बस्तर, तोकापाल, बास्तानार एवं दरभा विकासखण्ड में गुरुवार को ब्लॉक स्तरीय बस्तर पंडुम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं समाज प्रमुखों ने कहा कि यह आयोजन बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मंच प्रदान किया जा रहा है, जिससे स्थानीय संस्कृति को नई पहचान मिल रही है। इस उत्सव में विभिन्न जनजातीय समूह अपनी कला और परंपराओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जिले के इन सभी ब्लॉक में आयोजित उक्त कार्यक्रम में स्थानीय लोक कलाकारों, जनजातीय समुदायों और संस्कृति प्रेमियों का उत्साह देखते ही बना। बस्तर पंडुम न केवल संस्कृति को सहेजने का प्रयास है बल्...
छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में गूंज उठी बीजापुर के युवाओं की बुलंद आवाज: ‘नक्सलवाद से मुक्ति और विकास की राह पर आगे बढ़ने का है इरादा’

छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में गूंज उठी बीजापुर के युवाओं की बुलंद आवाज: ‘नक्सलवाद से मुक्ति और विकास की राह पर आगे बढ़ने का है इरादा’

Chhattisgarh, Dantewada, India, Tribal Area News and Welfare
छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल बीजापुर जिले के युवाओं ने आज लोकतंत्र के मंदिर—विधानसभा परिसर में इतिहास रच दिया। राज्य की ‘स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचे बीजापुर के इन युवा प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सामने एकजुट होकर अपनी मंशा व्यक्त की – "हम अपने गांव, जिले और प्रदेश को नक्सलवाद से मुक्त देखना चाहते हैं और विकास की मुख्यधारा में शामिल होकर अपने भविष्य को उज्जवल बनाना चाहते हैं।" इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने युवाओं की इस मजबूत इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए कहा, "आपका संकल्प ही हमारा संकल्प है। यदि क्षेत्र के युवा ठान लें, तो हम सभी के सहयोग से जल्द ही नक्सलवाद के अंधकार को समाप्त कर छत्तीसगढ़ को समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।" ‘नियद नेल्ला नार योजना’ से विकास की नई रोशनी मुख्यमंत्...
स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचे युवा: पहली बार देखा रेलवे स्टेशन, विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम

स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचे युवा: पहली बार देखा रेलवे स्टेशन, विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दूरस्थ गांवों से आए युवाओं के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत नियद नेल्लानार योजना में शामिल सिलगेर, पूवर्ती, एलमागुंडा, लखापाल, शालातोंग, साकलेर, छोटेकेडवाल, बगडेगुड़ा और बेदरे जैसे गांवों के 119 युवा पहली बार अपने गांव से बाहर निकले और राजधानी रायपुर पहुंचे।इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान युवाओं ने रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम का दौरा किया। राजधानी आगमन के दौरान युवाओं ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का भ्रमण किया और दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी, जिससे वे बेहद उत्साहित नजर आए। इस अवसर पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से भेंट की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने युवाओं से चर्चा करते हुए कहा कि युवा चाहें तो अपने गांव में अमन-चैन और विकास की रोशनी फै...
रायपुर : बस्तर की लोक संस्कृति का रंगारंग पर्व: ‘बस्तर पंडुम 2025’ का आगाज 12 मार्च से

रायपुर : बस्तर की लोक संस्कृति का रंगारंग पर्व: ‘बस्तर पंडुम 2025’ का आगाज 12 मार्च से

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छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के लिए ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ का भव्य आयोजन 12 मार्च से शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप आयोजित इस महोत्सव में बस्तर संभाग की अनूठी लोककला, संस्कृति, रीति-रिवाज और पारंपरिक जीवनशैली को मंच मिलेगा। ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ का आयोजन न केवल बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास है, बल्कि इस क्षेत्र के प्रतिभाशाली कलाकारों को मंच देने और उनकी कला को प्रोत्साहन प्रदान करने का सुनहरा अवसर भी है। इस आयोजन में 7 प्रमुख विधाओं जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन-पेय पदार्थों पर आधारित प्रतियोगिताएं होंगी। ये स्पर्धाएं क्रमशः जनपद, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित की जाएंगी। प्रतियोगिता का पहला चरण 12 से 20 मार्च तक जनपद स्तर पर होगा, दूसरा चरण 21 से 23 मार्च तक ...
अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025: बस्तर में अमन, चैन और खुशहाली का संदेश

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025: बस्तर में अमन, चैन और खुशहाली का संदेश

Chhattisgarh, India, Tribal Area News and Welfare
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है, बल्कि यह बस्तर की समृद्ध संस्कृति, शांति और विकास का प्रतीक बन चुका है। इस प्रतिष्ठित मैराथन में देश-विदेश के हजारों धावकों ने भाग लिया और अमन, चैन और खुशहाली का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सौहार्द को भी मजबूत करता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है।इससे पहले, बस्तर ओलंपिक में भी 1 लाख 65 हजार से अधिक प्रतिभागियों की ऐतिहासिक भागीदारी देखी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बस्तर क्षेत्र अब नई संभावनाओं और उपलब्धियों की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्रीय प्रतिभाओं क...
छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा: अंतस को सींचती है, आत्मा को एक दूसरे से जोड़ती है: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा: अंतस को सींचती है, आत्मा को एक दूसरे से जोड़ती है: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

Chhattisgarh, Tribal Area News and Welfare
छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है। छत्तीसगढ़ी भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं है, यह हमारे अंतस को सींचने और हमारी आत्मा को एक दूसरे से जोड़ने वाली भाषा है। हमें अपनी छत्तीसगढ़ी भाषा पर गर्व है। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के दो दिवसीय आठवें प्रान्तीय सम्मेलन 2025 के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सन 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण कर हमारे पुरखों के सपनों को साकार किया। अलग राज्य बनने के बाद अपनी महतारी की भाषा छत्तीसगढ़ी को सम्मान दिलाने की जिम्मेदारी हम सब की है। यह खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ी में बढ़िया किताबें लिखी जा रही है। इनमें से आज भागमानी, छत्तीसगढ़ के छत्तीस भाजी, छतनार, चल उड़ रे पुचुक चि...