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विशेष लेख : पर्यटन के क्षेत्र में जशपुर ले रहा नया रूप, एडवेंचर, इको-टूरिज्म को दिया जा रहा बढ़ावा

01/11/2024 posted by Priyanka (Media Desk) Chhattisgarh, Jashpur, Vishesh Lekh    

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सार्थक पहल से जशपुर जिला पर्यटन के क्षेत्र में नया रूप ले रहा है। इसके साथ ही व्यापक स्तर पर एडवेंचर और इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही विगत दिवसों में मायली नेचर कैंप में सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकार की पहली बैठक आयोजित किए है।

छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला सुंदर वादियों और नदी पहाड़ झरना से परिपूर्ण खूबसूरत और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है अब जिला तेजी से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यहां के घने जंगल, पर्वतीय क्षेत्र, और अनोखी आदिवासी संस्कृति ने जशपुर को एक विशेष पहचान दिलाई है।  जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है।

जहां विगत दिवस 4 दिवसीय देश देखा में जम्बूरी उत्सव का आयोजन किया गया है। जहां बड़ी संख्या में युवाओं ने यहां पर्यटन का आनंद लिया नजदीक से जशपुर की लोकल संस्कृति परम्परा और कर्मा नृत्य का अनुभव जाना। पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करना है, बल्कि उन्हें जशपुर की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा से भी जोड़ना है।

जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है। उनका उद्देश्य एक ऐसा पर्यटन मॉडल तैयार करना है, जो न केवल पर्यटकों के लिए रोमांचक हो, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को भी बनाए रखे पर्यटन को प्रकृति के करीब पहुंचाने का प्रयास किया है। प्राकृतिक संपदा जैसे घने जंगलों, पहाड़ियों और जल संसाधनों को भी पर्यटकों के अनुभव का हिस्सा बनाया है, जिससे न केवल पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव मिलता है, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार मिलता है।

जशपुर की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के करीब लाना है। इसके तहत पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियाँ जैसे, बर्ड वॉचिंग, और प्राकृतिक स्थल भ्रमण आयोजित किए जाते हैं। इन गतिविधियों से पर्यटकों को पर्यावरणीय स्थिरता का भी ज्ञान मिलता है।

एडवेंचर टूरिज्म
रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग, और नदी के किनारे कैंपिंग जैसी गतिविधियाँ पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव साबित होती हैं। जशपुर के प्राकृतिक परिदृश्य में आयोजित इन गतिविधियों के जरिए पर्यटक न केवल जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकते हैं, बल्कि साहसिक खेलों का आनंद भी ले सकते हैं।

जिला प्रशासन द्वारा समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करने के लिए अनुभवात्मक पर्यटन का प्रारूप तैयार किया है। पर्यटक यहां स्थानीय व्यंजनों का स्वाद, आदिवासी कला और शिल्प वर्कशॉप्स, और पारंपरिक नृत्य-संगीत का आनंद ले सकते हैं।

स्थानीय समुदाय की भागीदारी और योगदान
स्थानीय समुदाय को रोजगार के अवसर प्रदान कर, सामुदायिक विकास में अपना योगदान दिया है। स्थानीय गाइड्स, शिल्पकार, और  साथ जुड़कर न केवल अपने परिवार की सहायता कर रहे हैं बल्कि जशपुर की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित कर रहे हैं। इसका  उद्देश्य केवल पर्यटकों को आकर्षित करना नहीं है, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को जीवित रखना भी है।

जिला प्रशासन स्थानीय कलाकारों के हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों को उनके स्टोर पर प्रदर्शित करता है, जिससे स्थानीय शिल्पकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का मंच मिलता है। साथ ही, यह स्थानीय उत्पादों का उपयोग करके किसानों और शिल्पकारों को आर्थिक समर्थन प्रदान कर रहा है।

भविष्य की योजनाएँ और नवाचार
आने वाले पाँच वर्षों में  योजना है कि जशपुर को छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल बनाया जाए, जहां पर्यटक प्रकृति, रोमांच, और संस्कृति का अनूठा अनुभव प्राप्त कर सकें। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए, कार्यक्रमों में इको-फ्रेंडली दृष्टिकोण को शामिल कर रहा है।

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Priyanka (Media Desk)
Priyanka (Media Desk)प्रियंका (Media Desk)
"जय जोहार" आशा करती हूँ हमारा प्रयास "गोंडवाना एक्सप्रेस" आदिवासी समाज के विकास और विश्व प्रचार-प्रसार में क्रांति लाएगा, इंटरनेट के माध्यम से अमेरिका, यूरोप आदि देशो के लोग और हमारे भारत की नवनीतम खबरे, हमारे खान-पान, लोक नृत्य-गीत, कला और संस्कृति आदि के बारे में जानेगे और भारत की विभन्न जगहों के साथ साथ आदिवासी अंचलो का भी प्रवास करने अवश्य आएंगे।