
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के बच्चों के लिए संचालित अपनी छात्रवृत्ति योजनाओं के संबंध में फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों का खंडन किया है। संघ ने स्पष्ट किया है कि ये योजनाएं लगातार जारी हैं और अपने संसाधनों से संचालित की जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने बताया कि शिक्षा प्रोत्साहन योजना ’वर्ष 2013-14 से’ शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है इस योजना का वित्तपोषण ’तेंदूपत्ता व्यापार से प्राप्त शुद्ध लाभ के 15 प्रतिशत’ से किया जाता है।
वर्तमान में, छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कुल चार घटक हैं जिसमें मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार योजना के तहत शैक्षणिक वर्ष में प्राथामिक लघु वनोपज सहकारी समिति के अंतर्गत कक्षा 10वीं और 12वीं में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले एक छात्र एवं एक छात्रा को पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। कक्षा 10वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा को 2500-2500 रूपए तथा कक्षा 12वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा को उक्त योजना के अंतर्गत 3000-3000 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इसी तहत तेंदूपता संग्राहकों के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं में प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति अंतर्गत 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा को प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत पुरस्कार राशि के लिए पूर्व में पात्रता अंक 75 प्रतिशत निर्धारित था जिसे लघु वनोपज संघ ने संशोधित कर 90 प्रतिशत अंक कर दिया है। इस प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कक्षा 10वीं में 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले के प्रत्येक छात्र-छात्रा को 15000-15000 रुपये और कक्षा 12वीं में 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा को 25000 -25000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इसी तरह इंजीनियरिंग, मेडिकल, विधि (लॉ), एमबीए या नर्सिंग जैसे व्यावसायिक कोर्स के लिए प्रत्येक प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति से एक विद्यार्थी जो राज्य/केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लिया हो, पात्र होता है। प्रवेशित विद्यार्थी को प्रथम वर्ष के लिए 10,000 रुपए और द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष के लिए 5,000 रुपए इस तरह कुल 25,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
बी.ए., बी.कॉम, बी.एससी. जैसे स्नातक कोर्स के लिए प्रत्येक प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति से एक छात्र और एक छात्रा जो राज्य-केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लिया हो, को अनुदान योजना के तहत प्रथम वर्ष के लिए 5000 रुपए, द्वितीय वर्ष के लिए 4000 रुपए, और तृतीय वर्ष के लिए 3000 रुपए इस प्रकार कुल 12,000 रुपये की अनुदान राशि दी जाती है।
लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित छात्रवृत्ति की उक्त सभी योजनाओं के अंतर्गत पात्रता के लिए तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार द्वारा विगत तीन वर्षों में से किन्हीं दो वर्षों में 500-500 गड्डी तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जाना जरूरी है।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ से प्राप्त जानकारी विगत पांच वर्षों में, पूरे प्रदेश में 38 हजार 114 छात्र-छात्राओं को’ छात्रवृत्ति के रूप में 41 करोड़ 79 लाख 98 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। प्रतिभाशाली बच्चों के लिए शिक्षा प्रोत्साहन योजना में पात्रता 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत की गई है, जबकि शेष तीन प्रकार की छात्रवृत्ति प्रोत्साहन योजनाओं में पात्रता पूर्ववत हैं। यह योजना तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के पात्र छात्र-छात्राओं के लिए निरंतर जारी रहेगी।