दिनांक : 15-Oct-2025 11:07 PM
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बस्तर ओलंपिक को मिला ‘खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स’ का दर्जा, रायपुर-बिलासपुर में खुलेंगे मेडिकल-नर्सिंग कॉलेज – मुख्यमंत्री साय की केंद्रीय मंत्री मांडविया से मुलाकात

बस्तर ओलंपिक को मिला ‘खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स’ का दर्जा, रायपुर-बिलासपुर में खुलेंगे मेडिकल-नर्सिंग कॉलेज – मुख्यमंत्री साय की केंद्रीय मंत्री मांडविया से मुलाकात

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ को खेल और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ देने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण पहल हुई। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री मनसुख मांडविया से नई दिल्ली में सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान बस्तर ओलंपिक को इस वर्ष से "खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स" के रूप में आयोजित करने की सहमति प्रदान की गई। यह निर्णय न केवल जनजातीय युवाओं की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक खेल संस्कृति को भी वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने रायपुर और बिलासपुर में 220-बेड के मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा, जिससे राज्य को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा के साथ-साथ बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इस पर केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने कहा कि के...
मुख्यमंत्री श्री साय ने दी बधाई : बस्तर को आकांक्षी जिला श्रेणी में मिला राज्य स्तरीय गोल्ड मेडल तोकापाल विकासखंड को मिला कांस्य पदक

मुख्यमंत्री श्री साय ने दी बधाई : बस्तर को आकांक्षी जिला श्रेणी में मिला राज्य स्तरीय गोल्ड मेडल तोकापाल विकासखंड को मिला कांस्य पदक

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले को राज्य स्तरीय आकांक्षी जिला श्रेणी में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार 2 अगस्त को रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। इसी क्रम में बस्तर जिले के तोकापाल विकासखंड को आकांक्षी ब्लॉक श्रेणी में कांस्य पदक से सम्मानित किया गया है। दोनों पुरस्कार नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी जिला एवं विकासखंड कार्यक्रम के अंतर्गत सम्पूर्णता अभियान के तहत निर्धारित 6 प्रमुख सूचकांकों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के आधार पर प्रदान किए जा रहे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर जिले के प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं जनता को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया आकांक्षी जिलों का अभियान एक-दूसरे से सीखने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से विकास को गति देने का माध्यम बन रहा है। उन्होंने कहा कि ...
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में बस्तर में गूंज रही है विकास की आवाज: ‘नियद नेल्ला नार’ से शासन पहुँचा विश्वास के द्वार तक

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में बस्तर में गूंज रही है विकास की आवाज: ‘नियद नेल्ला नार’ से शासन पहुँचा विश्वास के द्वार तक

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के वे सुदूरवर्ती गाँव, जो वर्षों तक विकास की मुख्यधारा से कटे रहे, आज नई उम्मीदों और उजालों की ओर अग्रसर हैं। जहाँ कभी बिजली, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएँ और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, वहीं अब वही गाँव प्रगति के रास्ते पर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस बदलाव की नींव मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और जन सरोकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप 15 फरवरी 2024 को 'नियद नेल्लानार – आपका आदर्श ग्राम योजना' के रूप में रखी गई। यह योजना उन क्षेत्रों तक शासन की संवेदनशील और सक्रिय पहुँच सुनिश्चित करने का क्रांतिकारी प्रयास है, जहाँ अब तक केवल उपेक्षा और प्रतीक्षा का सन्नाटा था। मुख्यमंत्री श्री साय का स्पष्ट मानना रहा है कि केवल सुरक्षा शिविर स्थापित कर देना पर्याप्त नहीं, जब तक वहाँ शासन की संवेदनशील उपस्थिति और समग्र विकास की किरण नही...
पाट जात्रा पूजा विधान के साथ होगी विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व की आज से विधिवत शुरूआत

पाट जात्रा पूजा विधान के साथ होगी विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व की आज से विधिवत शुरूआत

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर प्रांगण में आज गुरुवार को हरेली अमावस्या के मौके पर पाट जात्रा पूजा विधान के साथ विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत होगी। इस दौरान पारम्परिक मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, पुजारी, पटेल, नाईक-पाईक, सेवादार रथ निर्माण के लिए औजार बनाने ठुरलू खोटला रस्म अदा करेंगे। इस अवसर पर बस्तर दशहरा समिति द्वारा मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, पुजारी, पटेल, नाईक-पाईक, सेवादारों सहित गणमान्य नागरिकों एवं ग्रामीणों को उपस्थित होकर पाट जात्रा पूजा विधान में शामिल होने का आग्रह किया गया है। जात्रा पूजा विधान के साथ ही बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी को समर्पित इस 75 दिवसीय ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व में शुक्रवार 05 सितम्बर को डेरी गड़ाई पूजा विधान, रविवार 21 सितम्बर को काछनगादी पूजा विधान, सोमवार 22 सितम्बर को कलश स्थापना पूजा विधान, मंग...
युक्तियुक्तकरण से अबुझमाड़ के स्कूलों में हुआ बेहतर सुधार, शिक्षकविहीन स्कूलों को मिले शिक्षक

युक्तियुक्तकरण से अबुझमाड़ के स्कूलों में हुआ बेहतर सुधार, शिक्षकविहीन स्कूलों को मिले शिक्षक

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति का सकारात्मक असर अब अबुझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगा है। नारायणपुर और ओरछा विकासखंड के सुदूर और पहुँचविहीन गांवों में वर्षों से शिक्षकविहीन चल रहे विद्यालयों में अब योग्य शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। इससे इन क्षेत्रों में शिक्षा की तस्वीर तेजी से बदल रही है और विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा की सौगात मिल रही है। 132 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण, शिक्षा में आया संतुलन जिला शिक्षा अधिकारी श्री रमेश कुमार निषाद ने बताया कि जिले में कुल 132 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। इसमें 1 व्याख्याता, 49 शिक्षक, 10 प्रधानपाठक और 72 सहायक शिक्षक शामिल हैं। जिले के 14 प्राथमिक शालाएं जो पूरी तरह शिक्षकविहीन थीं, अब उनमें शिक्षकों की नई पदस्थापना की गई है। साथ ही 108 एकल शिक्षक ...
आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भरता तक का सफर: शासन की नीति से प्रभावित होकर नक्सलवाद छोड़ा

आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भरता तक का सफर: शासन की नीति से प्रभावित होकर नक्सलवाद छोड़ा

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और पुनर्वास को लेकर लागू माओवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 अब कई जिंदगियों में नई उम्मीद जगा रही है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के सोनपुर गांव निवासी अन्नुलाल भंडारी इसका प्रेरक उदाहरण है। कभी बंदूक उठाने को मजबूर हुए अन्नुलाल ने माओवादी संगठन में करीब 20 वर्षों तक सक्रिय रहते हुए कई जिम्मेदारियां निभाईं। वर्ष 1998 में संगठन से जुड़े अन्नुलाल ने गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त कर संगठन के प्रचार-प्रसार, सुरक्षा और रसद जैसे कार्यों को अंजाम दिया। लेकिन डर और हिंसा के उस जीवन से निकलकर वर्ष 2017 में उन्होंने आत्मसमर्पण कर सरकार की पुनर्वास नीति को अपनाया और मुख्यधारा में लौट आए। पुनर्वास के बाद अन्नुलाल ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती कर सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत की। इसके बाद मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना न...
विशेष लेख : बस्तर में फैल रहा है अब विकास का उजियारा

विशेष लेख : बस्तर में फैल रहा है अब विकास का उजियारा

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, घने वन क्षेत्र और विविध जनजातीय समुदायों के लिए जाना जाता है, लंबे समय से नक्सलवाद की चुनौती से जूझता रहा है। बस्तर के विकास में बाधक रहे नक्सलवाद के अब यहां से नक्सल उन्मूलन की अंतिम लड़ाई जारी है। बस्तर संभाग अपनी कला एवं संस्कृति के लिए विशिष्ट पहचान रखता है अकेले बस्तर संभाग में ही हल्बी, गोड़ी, भतरी दोलरी जैसे पारंपरिक बोली, बोली जाती है। वर्षों से अशांत रहे बस्तर अंचल में ढोल और मांदर की थाप अब फिर से सुनाई देने लगेगी। मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया है। सटीक रणनीति के साथ यहां आतंक के खात्मे और सामाजिक- आर्थिक विकास के काम हो रहे हैं। बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों में जिस तरह लोगों ने भागीदारी की वो इस बात का प्रमाण है की बस्तर में अब शांति स्थापित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव...
विशेष लेख : विष्णु के सुशासन से बस्तर संभाग में बदल रही है स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर

विशेष लेख : विष्णु के सुशासन से बस्तर संभाग में बदल रही है स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर

Chhattisgarh
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन और स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल सामान्य क्षेत्रों में, बल्कि नक्सल प्रभावित जिलों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की पहुंच में आ रही हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS), राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान और मलेरिया मुक्त अभियान जैसे कार्यक्रमों ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम दिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हमारी सरकार की जन-केंद्रित सोच और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, मितानिनों तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहनत से बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। स्वास्थ्...
नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की नई रेखा: अंतिम चरण में रेल सर्वे

नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की नई रेखा: अंतिम चरण में रेल सर्वे

Chhattisgarh
देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक – बस्तर अंचल – में विकास की गाड़ी अब तेजी पकड़ रही है। कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल (छत्तीसगढ़) तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) कार्य को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे अब अंतिम चरण में है।इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जो अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। यह परियोजना न केवल आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। रेलवे द्वारा अत्याधुनिक लिडार तकनीक के माध्यम से सर्वे कार्य किया जा रहा है। यह रेललाइन परियोजना गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से मॉनिटर की जा रही है, और इसे आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्र...