दिनांक : 01-Aug-2025 10:59 PM
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हरेली पर्व छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और प्रकृति से जुड़ाव का उत्सव है: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

हरेली पर्व छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और प्रकृति से जुड़ाव का उत्सव है: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति और कृषि परंपरा से जुड़े पर्व हरेली के पावन अवसर पर राजस्व मंत्री के निवास कार्यालय में पारंपरिक उल्लास और श्रद्धा के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया, साथ ही गौरी-गणेश, नवग्रहों और कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हरेली पर्व छत्तीसगढ़ की जीवनशैली, मेहनतकश किसानों की आस्था और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। हमारी सरकार किसानों के कल्याण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान और पार...
विशेष लेख : छत्तीसगढ़ की पहली पारम्परिक लोक पर्व हरेली

विशेष लेख : छत्तीसगढ़ की पहली पारम्परिक लोक पर्व हरेली

Chhattisgarh
भारत विविधताओं का देश है। भारत देश में एक नीले आसमान के नीचे कई समृद्ध संस्कृति फल-फूल रही हैं। भारत की अनेकताओं में कुछ त्यौहार ऐसे हैं ,जो सारे देश को एक साथ जोड़ते हैं। छत्तीसगढ़ संस्कृति में त्यौहारों, पर्वो का विशेष महत्व है । इन त्यौहारों के क्रम में पहला त्यौहार हरेली का है । इसलिये कहा गया छत्तीसगढ़ संस्कृति परम्परा का त्यौहार हरेली । हरेली त्यौहार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या में मनाया जाता है । हरेली त्यौहार किसान और सभी छत्तीसगढ़वासियो का त्यौहार है । हरेली मतलब प्रकृति के चारों तरफ हरियाली से है । किसान खेत में जुताई-बोआई, रोपाई, बियासी के कार्य पूर्ण करके इस त्यौहार का मनाता है । हरेली त्योहार की जड़ें छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि विरासत में हैं, जहाँ इसे लंबे समय से कृषि देवताओं के प्रति सम्मान के रूप में मनाया जाता रहा है। मानसून की शुरुआत में मनाया जाने वाला हरेली, बुवा...