
जनजातीय बोली संरक्षण हेतु देश का पहला एआई आधारित ‘आदिवाणी ऐप’ का शुभारंभ
भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जनजातीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एआई आधारित अनुवाद ऐप “आदिवाणी” का बीटा संस्करण लॉन्च किया गया। इसका शुभारंभ बीते दिनों केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उईके ने डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में किया। यह भारत का पहला एआई आधारित ट्रांसलेशन ऐप है, जिसके माध्यम से हिंदी, अंग्रेजी एवं जनजातीय बोलियों में वास्तविक समय में टेक्स्ट टू टेक्स्ट, स्पीच टू टेक्स्ट और स्पीच टू स्पीच अनुवाद संभव होगा।
इसके प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ की गोंडी, मध्यप्रदेश की भीली, झारखंड की मुंडारी और ओडिशा की संथाली बोलियों को शामिल किया गया है। वहीं दूसरे चरण में ओडिशा की कुई और मेघालय की गारो बोली को जोड़े जाने का निर्णय लिया गया है। यह ऐप आईआईटी दिल्ली, बिट्स पिलानी, आईआईआईटी हैदराबाद और आईआईआईटी नवा रायपुर द्वारा विकसित किया गया...