दिनांक : 13-Oct-2025 01:19 AM
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इको पर्यटन के साथ कृषि पर्यटन को जोड़ने वन विभाग की पहल

इको पर्यटन के साथ कृषि पर्यटन को जोड़ने वन विभाग की पहल

Chhattisgarh
वन विभाग द्वारा बलौदाबाजार के  कसडोल ब्लॉक के  वनांचल क्षेत्र  में स्थित ग्राम अचानकपुर में  कृषि को ईको पर्यटन के साथ जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस पहल के अंतर्गत अचानकपुर ग्राम में संचालित देवहिल नेचर रिसॉर्ट  के साथ गांव के कृषकों को परंपरागत फसल जैसे कोदो , सुगंधित धान की वैरायटी– विष्णुभोग एवं दुबराज की खेती के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है l वनमंडल अधिकारी  गणवीर धम्मशील के मार्गदर्शन में एसीएफ (प्रशिक्षु) गजेन्द्र वर्मा, परिक्षेत्र अधिकारी श्री संतोष कुमार पैकरा एवं बीएफओ  योगेश सोनवानी  द्वारा ग्रामीणों को इस पहल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैl संयुक्त वन प्रबंधन समिति के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों को जैविक खेती की ओर प्रेरित किया गया जिससे न केवल वनों के संरक्षण बल्कि स्थानीय आजीविका और पोषण सुरक्षा को भी बल मिलेगा।साथ ही यह क्षेत्र अब कृषि पर्यटन के रूप में...
विशेष लेख : खेती में तकनीकी नवाचार से समृद्धि की ओर बढ़ते नवागढ़ के किसान – संतोष साहू बन रहे प्रेरणा स्रोत

विशेष लेख : खेती में तकनीकी नवाचार से समृद्धि की ओर बढ़ते नवागढ़ के किसान – संतोष साहू बन रहे प्रेरणा स्रोत

Chhattisgarh
खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ के किसान निरंतर नवाचार अपना रहे हैं। इसी कड़ी में विकासखंड नवागढ़ के ग्राम मुरता निवासी कृषक श्री संतोष साहू पिता श्री बुधारी साहू अपने क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल बनकर उभरे हैं। आधुनिक तकनीकों को अपनाकर इन्होंने अपनी खेती को न केवल लाभकारी बनाया, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है। श्री साहू विगत दो वर्षों से धान की खेती में पैडी ट्रांसप्लांटर तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं। यह तकनीक खेतों में धान की रोपाई के पारंपरिक तरीकों की तुलना में कहीं अधिक सस्ती, समय की बचत करने वाली और उत्पादन में वृद्धि देने वाली साबित हो रही है। कम लागत, अधिक लाभ श्री साहू ने जानकारी दी कि पहले परंपरागत पद्धति से प्रति एकड़ धान रोपाई में 7,000 से 8,000 रुपये की मजदूरी खर्च होती थी। किंतु अब पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के माध्यम से यही कार्य केव...
अचानकमार टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में बसे बम्हनी गांव की वर्षों पुरानी पेयजल समस्या दूर हुई

अचानकमार टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में बसे बम्हनी गांव की वर्षों पुरानी पेयजल समस्या दूर हुई

Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले अंतर्गत अचानकमार टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में बसा बम्हनी गांव की वर्षों पुरानी पेयजल की समस्या अब बीते समय की बात हो चली है। कभी ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, वहां अब जल जीवन मिशन के माध्यम से घर के पास ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। जिला प्रशासन की यह पहल सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि आशा और आत्मसम्मान का नया स्रोत बन गई है। ग्रामीणों की वर्षों पुरानी प्यास बुझाने के इस कार्य का निरीक्षण करने स्वयं कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार और पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल अचानकमार क्षेत्र के सुदूर ग्राम बम्हनी पहुंचे। उन्होंने वहां बोरिंग से निकले पानी को स्वयं पीकर उसकी गुणवत्ता का प्रत्यक्ष परीक्षण किया। यह दृश्य ग्रामीणों के लिए किसी सहानुभूति और भरोसे से कम नहीं था। वनांचल के दुर्गम गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत बोर खनन एवं पेयजल योजनाएं संच...